सुबह के आठ बज रहे थे। ज्ञानम्मा अभी तक उठी नहीं थी। नींद तो बरसों के अभ्यास से सुबह छह सुबह के आठ बज रहे थे। ज्ञानम्मा अभी तक उठी नहीं थी। नींद तो बरसों के अभ्यास से स...
"खुशियो" को बड़े ही खूबसूरत "अंदाज़" से "गम" में "बदलते" हुवे "देखा" है हमने..!!"रिश्तो" में विश्वा... "खुशियो" को बड़े ही खूबसूरत "अंदाज़" से "गम" में "बदलते" हुवे "देखा" है हमने..!...
उसके दार्शनिक तरह के शब्द मुझे अच्छे लगे उसके दार्शनिक तरह के शब्द मुझे अच्छे लगे
मेहनत ही इंसान की असली दौलत है। मेहनत ही इंसान की असली दौलत है।
मैं संपन्न हूँ विवेक लेकिन तेरी तरह रिश्तों में अपनेपन की गर्माहट और स्नेह की दौलत के सामने मुझ सा ग़... मैं संपन्न हूँ विवेक लेकिन तेरी तरह रिश्तों में अपनेपन की गर्माहट और स्नेह की दौ...
तभी वहां एक व्यक्ति आया और बेटे के हाथ में पिता का लिखा हुआ एक खत दे दिया। तभी वहां एक व्यक्ति आया और बेटे के हाथ में पिता का लिखा हुआ एक खत दे दिया।